छम काली चली कालो की काल महाकाली चली

छम छम छम छम काली चली कालो की काल महाकाली चली,
दुष्टो का करने संगार माँ चली,
जय जय काली माँ जय जय काली माँ,
जय जय काली माँ जय,

जब जब काली रण में चले दुष्टो की सेना में हड़कम मचे,
मारे काटे दांतो से पीसे लाल लाल जीबा से खून वही,
काट काट मुंडो के ढेर लगे पापी संगारे न ढेर लगे,
पल में लाल धरा को कर चली,
जय जय काली माँ जय जय काली माँ,
जय जय काली माँ जय,

चण्ड को मारे मुंड को मारे महिषा सुर को पकड़ पशाडे,
मधु केडप का नाश करे माँ शुंभ निशुंभ को भी निशारे,
आधी शक्ति शिव दुति तुम्ही शिव भोले की भक्ति तुम्ही,
सो सो हाथो वाली माँ चली,
जय जय काली माँ जय जय काली माँ,
जय जय काली माँ जय,

तंत्र को काटे मंतर को काटे भूत प्रेत को दूर भगाये ,
लहू की प्याली भर भर पीती पकड़ के गर्दन काट के लाये,.
कोई प्रचंड माँ तुमसे नहीं कोई अखंड माँ तुमसे नहीं,
दुस्ट वि तारण माँ चली,
जय जय काली माँ जय जय काली माँ,
जय जय काली माँ जय,

महा काली का रूप भयनकर,
थर थर  कांपे है धरती गगन,
तीनो ही लोक गाते है महिमा सु नर मुनि सब करे सुमिरन,
चरणों में देव महादेव पड़े हाथो को जोड़ जोड़ सारे खड़े,
दीपक कैसी मच गई खलबली ,
जय जय काली माँ जय जय काली माँ,
जय जय काली माँ जय,

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