ओढ़ के लाल चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे,
दर पे आऊ हर साल,
ओढ़ के लाल चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे,
पाओ में अपने बांध के घुंगरू आखो पे तेरे नाम को सुमरू,
और बजाऊ खड़ताल मैं नाचू तेरे अंगना मे
ओढ़ के लाल चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे,
बिन तेरे कोई सुन नही पाए,
बायकुल मेरा चैन न पाए,
दे दी संगता मैं नाचू तेरे अंगना मे
ओढ़ के लाल चुनरिया लाल मैं नाचू तेरे अंगना मे