उड़ जायेगा हंस अकेला,जग दर्शन का मेला

 उड़ जायेगा हंस अकेला,जग दर्शन का मेला                

  1. जैसे पात गीरे तरुवर के,मिलना बहुत दुहेला
       न जानूं किधर गिरेगा,लगया पवन का रेला
       उड़ जायेगा हंस अकेला,जग दर्शन का मेला            
       उड़ जायेगा....

    2.जब होवे उमर पूरी,जब छूटे हुकम हजूरी
       यम के दूत बड़े मरदूद यम से पड़ा झमेला
       उड़ जायेगा हंस अकेला,जग दर्शन का मेला          
       उड़ जायेगा....

    3.दास कबीर हरि के गुण गावे,बाहर को पार न पावे
        गुरु की करनी गुरु जायेगा,चेले की करनी चेला          
        उड़ जायेगा हंस अकेला,जग दर्शन का मेला              
        उड़ जायेगा....

             बाबा धसका पागल पानीपत
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