हे मात पिता गुरवर मेरे चरणों में शीश निभाता हु,
मिला मात पिता से है जीवन,
ममता भी मिली और प्यार भी मिला,
श्री श्याम चरण में आया मैं मुझको ऐसा संस्कार मिला,
मुझे आप का आशीर्वाद मिला,
मैं भजन श्याम के गाता हु ,
हे मात पिता गुरुवार मेरे
गुरु देव दया के सागर है वो प्रेम की गागर भरते है,
जो भी गलती होती मुझसे मेरी पल पल रक्शा करते है,
जब कोई उल्जन होती है मैं उनका ध्यान लगता हु,
हे मात पिता गुरुवार मेरे
एहसान बहुत है इस दिल में गुरु जन की मिली शीतल छाया,
मेरी हर गलती वो छमा करते कुछ भी सेवा न कर पाया,
जो याद सुहानी है दिल में उन यादो को दोहराता हु,
हे मात पिता गुरुवार मेरे