सजी गई समाधि ज्योत जले सुबह शाम,
जरा जई ने देखो सिंगाजी को धाम.....
सजी गई समाधि ज्योत जले सुबह शाम,
जरा जई ने देखो सिंगाजी को धाम,
होय भजन आरती गुरु जी का धाम,
जरा जई ने देखो सिंगाजी को धाम....
माता नर्मदा की महिमा अपार,
भवसागर का होय दर्शन साकार,
अदभुद नजारों जहा दूध तलय धाम,
जरा जई ने देखो सिंगाजी को धाम....
मंदिर समाधि की महिमा है न्यारी,
महादेव हरे सब विपदा हमारी,
हनुमत बैठीने ने जहां जपे राम नाम,
जरा जई ने देखो सिंगाजी को धाम....
शरद पूनम को लगे जहां मेलो,
गुरु शरण आए ओको पार होय बेड़ो,
स्वर्ग से सुंदर यो पिपलियों गांव,
जरा जई ने देखो सिंगाजी को धाम....