बाबा माहरे से भी हिवड़े रे री बात करलो,
थारी चाकरियाँ मैं आज पूरी रात कर ला
देख देख थारी राह ओ महारी आखियाँ तरसी,
थारी ही यादा में सारी रात बरसी,
बाबा माहरे से भी हिवड़े रे री बात करलो,
मनवा पधारी यादे घनी आवे,
बिन थारे माहरा दिल गबरावे,
बिन देखे अब राहा नहीं जावे ओ माहरो बाबा ये दौड़ा चला आवे,
क्यों न मनडे में माहरो थारे वास करो लो
थारी चाकरियाँ मैं आज पूरी रात कर ला
साँसे है जब तक आस करेंगे बाता दिल की ख़ास करेंगे,
प्रेमी जय जय कार करेंगे,
ओ सारा संवारा से प्यार करेंगे,
माहि माहरे पे थोड़ा उपकार करदो
थारी चाकरियाँ मैं आज पूरी रात कर ला