बरसो से सोया नसीबा जगा दे ,
करू कया कोई तू रस्ता दिखा दे,
तेरे धाम चल के मैं खुद आ गया हु,
नई और बस की मैं घबरा गया हु,
तू सबकी बनाये मेरी भी बना दे,
करू क्या कोई तू रस्ता दिखा दे,
मेरे श्याम मुझसे होइ क्या खता है,
मेरा दिल तो तेरे ही रंग में रंगा है,
तू चाहे तो खुशियों का दरिया बहा दे,
करू क्या कोई तू रस्ता दिखा दे,
मैं लेहरी मेरी लाज तेरे हवाले,
उठा कर मुझे तू गले से लगा ले,
हँसा दे कन्हियाँ मुझे भी हसा दे,
करू क्या कोई तू रस्ता दिखा दे,