दुनिया ने दिल दुखाया गोविन्द काम आया ,
आंसू न रोक पाया बाहो में था जब उठाया,
ओ सँवारे दयालु मेरी बाह थामे रहना,
गुण गान बन के कन्हैया मेरी जुबा पे रहना,
जब भी अकेला पाया तेरा नाम गुण गुनाया,
दुनिया ने दिल दुखाया गोविन्द काम आया ,
तू भरोसा है मेरा विस्वाश भी तुझी पे,
जिस मोड़ मिला था बैठे है हम उसी पे,
कंचन बनी है काया तुझसे जो दिल लगाया,
दुनिया ने दिल दुखाया गोविन्द काम आया ,
ये डगर न तेरी छोड़ू वदाये कुछ भी आये,
मेरे प्राण जब भी जाए तू ही बांसुरी बजाए,
मधुवन सा खिल खिलाया लेहरी हो मुस्कुराया,
दुनिया ने दिल दुखाया गोविन्द काम आया ,