मेरे घनश्याम आकर लगा लो गले,
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं.....
बड़े नाजौ से बाबुल ने पाला मुझे,
डोली में बिठा कर के भेजा मुझे,
आगे किस्मत में क्या है पता कुछ नहीं,
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं....
घर में सासुल मिली घर में ससुरा मिले,
आके बेटी समझ कर के रखा मुझे,
आगे कैसे रखेंगे पता कुछ नहीं,
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं...
घर में जितनी मिली घर में जेठा मिली,
छोटी बहना समझ कर के रखा मुझे,
आगे कैसे रखेंगे पता कुछ नहीं,
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं....
घर में देवर मिले घर में ननदुल मिले,
बड़ी भाभी समझ मान रखा मुझे,
आगे कैसे बोलेंगे पता कुछ नहीं,
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं....
घर में पति मिले परमेश्वर मिले,
जीवनसाथी समझ कर के रखा मुझे,
आगे कैसे रखेंगे पता कुछ नहीं,
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं....