सुनलो ओ श्याम प्यारे इतनी अरज़ हमारी
जब तक हो साँसे तन में सेवा करे तुम्हारी
इस जग से हार कर के तेरा द्वार खटखटाया
अपना मुझे समझ कर तुमने गले लगाया
लाखों को तारा तुमने अब है हमारी बारी
जब तक हो साँसे तन में सेवा करे तुम्हारी
सुनलो ओ श्याम प्यारे
हमको मुला है जबसे बाबा तेरा सहारा
जीवन में भरी खुशियां हर ग़म है हमसे हारा
पतवार के बिना ही नैया चले हमारी
जब तक हो साँसे तन में सेवा करे तुम्हारी
सुनलो ओ श्याम प्यारे