नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने

नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने
नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने।

एक नारी थी अनुसुइया जो स्वर्गलोक में रहती थीं।एक नारी थी अनुसुइया जो स्वर्गलोक में रहती थीं।
ब्रह्मा विष्णु और संकर को पलने में झुलाया नारी ने।
नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने

एक नारी थी सावित्री जो मृत्युलोक में रहती थी।
एक नारी थी सावित्री जो मृत्युलोक में रहती थी।
जब पति को यम लेने आया तो प्राण बचाए नारी ने।
नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने।


एक नारी थी कैकई मां दशरथ संग रण में रहती थी।
एक नारी थी कैकई मां दशरथ संग रण में रहती थी।
जब रथ का पहिया निकल गया बस उंगली फंसाई नारी ने।
नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने।


एक नारी थी शुलोचना जो लंकापुरी में रहती थीं।
एक नारी थी शुलोचना जो लंकापुरी में रहती थीं।
जब मेघनाथ का शीश कटा तो शीश हंसाया नारी ने।
नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने।

श्रेणी