बिन भजन के जगत में

बिन भजन के जगत में तू प्राणी,
मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,
क्या यही मुख तू लेकर के जाए,
मुँह दिखने के काबिल नहीं है,

जो जो वादा प्रभु से किया था,
भूल कर भी ना नाम लिया था,
भूल बैठा है माया में प्रभु को,
जो भुलाने के काबिल नहीं है,
बिन भजन के जगत में तू प्राणी,
मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,

तूने की ना कभी नेक कमाई,
तेरी होगी ना जग में भलाई,
फस गई है भवर बिच नैया,
पार लगाने के काबिल नहीं है,
बिन भजन के जगत में तू प्राणी,
मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,

क्यों तू व्यर्था ही पाप कमाए,
अंत में कोई काम ना आए,
कैसा सुन्दर ये नर तन मिला है,
यूँ गवाने के काबिल नहीं है,
बिन भजन के जगत मे तू प्राणी,
मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,

तेरी सॉंसों के अनमोल मोती,
गिर ना जाए ये यूँही जमीं पर,
बिन गुरु के निगुरा कहावे,
पास बिठाने के काबिल नहीं है,
बिन भजन के जगत मे तू प्राणी,
मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,

बिन भजन के जगत में तू प्राणी,
मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,
क्या यही मुख तू लेकर के जाए,
मुँह दिखने के काबिल नहीं है,

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