मेरे बांके बिहारी सुनो मेरी पुकार,
तेरे दर पे लगता हु कब से गुहार,
जख्मी दिल क्यों तूने तोडा हाय वैरी क्यों मुखड़ा मोड़ा,
मैं तो तेरा हुआ चाहे रख चाहे मार,
तेरे दर पे लगता हु कब से गुहार,
सुन ले कन्हियाँ अब तो आजा,
दुभती नैया पार लगा जा,
डोले नैया मेरी बीच मजधार
तेरे दर पे लगता हु कब से गुहार,
हस्ती दुनिया हस्ता जमाना अपना हो गया मेरा बेगाना ,
जग छोड़ श्याम तुझे लियां मन में धार,
तेरे दर पे लगता हु कब से गुहार,