राधिका गोरी, राधिका गोरी,
ब्रज में रतन राधिका गोरी,
राधिका गोरी, राधिका गोरी,
ओ ब्रज में रतन राधिका गोरी.......-2
हर लिनी ब्रश भान भवन ते,
नन्द सुवन करी चोरी,
ओ ब्रज में रतन राधिका गोरी......-2
गुथी भरी केश अंग कुस्मा बली,
ओर सुरंग कच डोरी,
ओ ब्रज में रतन राधिका गोरी.....-2
पिए भूज कंद दिए शोभित मन,
घन दामिनी दुती जोरी,
ओ ब्रज में रतन राधिका गोरी.....-2
कुंज निकुंज विहरत है दोऊ,
अरे यमुना तट बन खोरी,
ओ ब्रज में रतन राधिका गोरी.....-2
कृष्णा दास प्रभु गिरधर नागर,
नागरी नवल किशोरी,
ओ ब्रज में रतन राधिका गोरी......-2