साखी - रविवार भैरव भजो मंगल शनि हनुमान
सब संकट टल जाये 'लक्खा' हो जाये कल्याण
महादेव शिव की है दोनो संतान
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान ।
एक तन सिन्दुरी है एक रूप काला, दुनिया में दोनो का है बोलबाला ।
दोनो में ही... दोनो में विषमता है फिर भी समान
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान...
एक राम का भक्त दुजा शिव दुलारा, दोनो ने भगतो का संकट है टारा ।
इनके जैसे... इनके जैसे सेवक ना जग में महान
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान...
दुष्टो को चुन चुनके हनुमान छांटा, 'लक्खा' भैरव ने शीश ब्रम्हा का कांटा ।
बेधड़क इनका... बेधड़क इनका तु करले गुणगान
एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान...
जय हो भैरव... जय बजरंग बली
Uploaded by : हेमन्त कुमार 'झालावाड्'