ओ मेहंदीपुर से आकर बाबा,
सालसर से आकर बाबा ,
बन गये दिल्ली वाले है,
मरघट वाले है ओ बाबा मरघट वाले है,
लाल लंगोटा हाथ में घोटा देव बड़े दिल वाले है,
भगतो की ये रक्षा करते बाबा मरघट वाले है,
उनको यहाँ से कुछ मिलता यो भी दिल के काले है,
मरघट वाले है ओ बाबा मरघट वाले है,
जैसी तेरी ईशा प्यारे वैसे भोग लगा देना,
मन चाहा फिर बाला जी से आकर वर तू पा लेना,
उतना मीठा मिल जायेगा जितना मीठा डाले है,
मरघट वाले है ओ बाबा मरघट वाले है,
मैंने जब भी माँगा इनसे पल में ही दे डाला है,
मित्तल को तो सारी उम्र ही बाला जी ने पाला है,
दिल्ली में रह कर के बाबा बन गये दिल्ली वाले है,
मरघट वाले है ओ बाबा मरघट वाले है,