उसकी तस्वीर रखता हूँ संग मैं सदा
वो कभी ना कभी मुझको मिल जाएगा
एक दिन उसका ये दिल पिघल जाएगा
एक दिन कान्हा का दिल पिघल जाएगा
अपनी तस्वीर से वो निकल आएगा
उसकी तस्वीर रखता हूँ संग मैं सदा
वो कभी ना कभी मुझको मिल जाएगा
है जिसे शक मेरे श्याम की प्रीत पर
आके इक बार मोहन से दिल तो लगा
हो अगर तुझमे मीरा सी दीवानगी
प्यार तुझको भी मोहन का मिल जाएगा
एक दिन कान्हा का दिल पिघल जाएगा
अपनी तस्वीर से वो निकल आएगा
उसकी तस्वीर रखता हूँ संग मैं सदा
वो कभी ना कभी मुझको मिल जाएगा
राधा कहती है श्याम तुझसे खेलूँ तभी
जीतू मिल जाए तूं हारूँ तेरी बनूँ
हो यही राधा सा भाव हर प्रीत मैं
अंकुश कान्हा सा मीत सबको मिल जाएगा
एक दिन कान्हा का दिल पिघल जाएगा
अपनी तस्वीर से वो निकल आएगा
उसकी तस्वीर रखता हूँ संग मैं सदा
वो कभी ना कभी मुझको मिल जाएगा
एक दिन कान्हा का दिल पिघल जाएगा
अपनी तस्वीर से वो निकल आएगा
उसकी तस्वीर रखता हूँ संग मैं सदा
वो कभी ना कभी मुझको मिल जाएगा