मीराबाई ने सब कुछ छोड़ा, मोहन से नाता जोड़ा,
उन्हें अपना पति मान के, ऐसी लगन लगी है घनश्याम से....
जहर का प्याला राणा जी ने भेजा, मीराबाई के लिए,
पी गई पी गई ओहो जी मीरा पी गई,
अमृत का प्याला मान के,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
फांसी का फंदा राणा जी ने भेजा मीराबाई के लिए,
झूली झूली ओहो जी मीरा झूली, सावन का झूला मान के,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
नाग पिटारा राणा जी ने भेजा मीराबाई के लिए,
पहने पहने ओहो जी मेरा पहने फूलों की माला मानके,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
कांटो की सैया राणा जी ने भेजी मीराबाई के लिए,
सो गई सो गई ओहो जी मेरा सो गई फूलों की सैया मानके,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....