अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,
गरीबो को दुनिया जीने ना देती,
दर दर की ठोकर खा ते सुदामा,
अगर श्याम होता न तेरा ठिकाना,
जरा सोचो उनकी दशा कैसे होती,
गरीबो को दुनिया जीने ना देती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,
युगो तक अहिल्या परशान रहती,
शबरी की कुटियाँ भी वीरान रहती,
जो नरसी भी रोटा वो नानी भी रोटी,
गरीबो को दुनिया जीने ना देती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,
अगर तुम न भरते दीनो की झोली,
ना मंती उनके घर में दिवाली,
रोने को भी सोनू जगह ही न होती,
गरीबो को दुनिया जीने ना देती,
अगर श्याम तेरी कृपा ना होती,