सरस सुपावन शक्ति हे तेजोमयी अपार
हे आनंद स्वरूपणी मम हृदय कर उज्जियार
जय माँ जय माँ
अराधन तेरा करूं निशदिन आठों याम
घट अंतर शक्ति जगे गाऊं तब शुभ नाम
जय माँ जय माँ
पत्तित-पावनी मात हे बालक शरण तिहार
मंगलमय वरदान दे यही विनती बारम्बार
जय माँ जय माँ
जगदम्बिके जय जग जननी माँ
क्या मन हरी नाम सुहाया है
वरु सब कुछ माँ चरणों पर
मेरे मन को ये भाया है
जगदम्बिके जय जग जननी माँ
जय माँ जय माँ
हे प्रेम पुंज हे करुणा मयी
हे आदि शक्ति जग जगानी माँ
जय माँ जय माँ
तेरा वरद हस्त मेरे शीश रहे
बालक तेरे चरणों में आया है जगदम्बिके जय जग जननी माँ