हे श्याम,
श्याम, श्याम, श्याम,
मेरे श्याम
करुणा सुनो श्याम मेरी ॥
करुणा सुनो श्याम मेरी,
मैं तो होय रही चेरी तेरी,
करुणा सुनो श्याम मेरी ॥
दरसन कारन भयी बावरी,
बिरह व्यथा तन घेरी,
तेरे कारन जोगन हूँगी,
दूंगी नगर बिच फेरी,
कुञ्ज बन हेरी हेरी,
करुणा सुनो श्याम मेरी ॥
अंग बभूत गले मृग छाला,
यूं तन भसम करूंगी,
अजहूँ न मिल्या श्याम अबिनासी,
बन बन बीच फिरुंगी,
रोऊँ नित हेरी फेरी,
करुणा सुनो श्याम मेरी ॥
जब मीरा को गिरिधर मिलिया,
दुःख मेटन सुख भेरी,
रोम रोम साका भई उर में,
मिट गयी फेरा फेरी,
रही चरनन तर चेरी,
करुणा सुनो श्याम मेरी ॥