मेरे घर के आंगन में मेरे श्याम चले आओ,
मेरे श्याम चले आओ ॥
बीत न जाये दर्श की घड़ियाँ,
प्यासी है बाबा मेरी अँखियाँ,
मेरे प्यासे नैनन में मेरे श्याम चले आओ,
मेरे घर के आंगन में मेरे श्याम चले आओ,
रेत के मैंने महल बनाये तुफानो में गिर न जाये,
मेरी नीरस जीवन में मेरे श्याम चले आओ,
मेरे घर के आंगन में मेरे श्याम चले आओ,
तुम बिन बेरंग है मेरी होली,
तुम बिन सुनी है दिवाली,
इन्हे रंगीन बनाने को मेरे श्याम चले आओ,
मेरे घर के आंगन में मेरे श्याम चले आओ,
तुलसी का दिल हुआ दीवाना,
आज मेरे घर श्याम ने आना,
मेरा मान बढ़ाने को मेरे श्याम चले आओ,
मेरे घर के आंगन में मेरे श्याम चले आओ,