दोहा :-
होरी के दिनां मोसे दून दून अटकै
सिंगटा दिखाया गोरी नाचै कूदै मटकै |
कावरिया पकर मोरी पीताम्बरी झटकै
नंद कौन अनारी मेरे नैनन में खटकै ||
कन्हैया होरी खेलन कौन बरसाने गांव में आयौ
मिली वहां राधा प्यारी दोऊ मिलकै फाग मचायौ
कन्हैया होरी खेलन कौं..
- संग लाए ग्वालिन की टोली
मारैं रंग भर भर कै झोली
नंद जू के लाला नैं नैनन सों सैन चलायौ
कन्हैया होरी खेलन कौं..
हां वारे रसिया हो वारे रसिया
हां वारे छैला हो वारे छैला
- नारी नवेली बंचै नहीं कोरी
राधा श्याम संग खेलते होरी
सांवरिया मारै पिचकारी राधा नै लट्ठ चलायौ
कन्हैया होरी खेलन कौं..
हां वारे रसिया हो वारे रसिया
हां वारे छैला हो वारे छैला
- इत सखियां संग राधा आईं
चुनरी कान्हा शीश चढ़ाई
'प्रशान्त' सारी पहनाई राधारमण रूप मन भायौ
कन्हैया होरी खेलन कौं..