बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता,
उसकी नैया फिर तू ही संभाले भव सागर से पार लगाता,
बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता,
कहलाता है अंजनी पुत्र तू अमंगल को मंगल करता है,
भुत प्रेत फिर निकट ना आवे नाम तेरा जो गाता है ,
बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता,
है तुझसे न कोई बलशाली सारी लंका को तूने जला डाली,
संकट मोचन नाम तुम्हारा हर संकट से बचाता है,
बजरंग बलि मेरे दाता तेरे द्वार पे जो भी आता,