करती माँ हंस सवारी पुजती है दुनिया सारी,
सुर संगीत निकलता हर पल वीणा के तार से,
जय जय हो तेरी माँ शारदे
नजर पड़े जो तेरी मूरख बने ग्यानी माँ,
अँधा लिखता है भजन गूंगा बोले वाणी माँ,
इस जग में तू ही इक माता जिसके दर ज्ञान बाता,
खाली झोली भटकु दर दर आया तेरे द्वार पे,
जय जय हो तेरी माँ शारदे
सब का सुना है तूने अब तो मेरी बारी है ,
सुन महुआर को माँ दिल से क्यों बिसारी है,
बेटा पर नजर घुमा दे जीने की राह दिखा दे,
पार तू करती सबकी नैया मेरा भी करदे,
जय जय हो तेरी माँ शारदे