तेरे चरणों में बीते उमरिया,
की तेरा ही भजन करते,
छुटे विपदा की कारी बदरिया,
की तेरा ही भजन करते ॥
बैठ के तेरे ही चरणों में,
अपनी उमर बिताऊं,
शाम सवेरे दर्शन करके,
तेरे ही गुण गाउँ,
बाबा कीर्तन में आठों पहरिया,
बाबा कीर्तन में आठों पहरिया,
की तेरा ही भजन करते ॥
राजा हो या रंक श्याम सब,
तेरे ही गुण गाते,
मन की इच्छा पूरी होती,
मुँह माँगा वर पाते,
खड़ी दुनिया है तेरी दुअरिया,
खड़ी दुनिया है तेरी दुअरिया,
छुटे विपदा की कारी बदरिया,
की तेरा ही भजन करते॥
भव सागर से भक्तों को तुम,
बाबा तारने वाले,
सच्चे मन से जो भी कोई,
तेरा नाम पुकारे,
पाता ‘शर्मा’ मुक्ति की डगरिया,
पाता ‘शर्मा’ मुक्ति की डगरिया,
की तेरा ही भजन करते ॥
तेरे चरणों में बीते उमरिया,
की तेरा ही भजन करते,
छुटे विपदा की कारी बदरिया,
की तेरा ही भजन करते ॥