दो पंख दिए होते तो उड़ आता खाटूधाम ।
तेरी प्यारी सुरतिया ने मुझे घायल कर दिया श्याम ।।
गर पंछी बनता तो, तेरे धाम में रहता
गर फूल बनता तो, श्रृंगार तेरा बनता
चरणों का पूजारी समझके, मुझे रखलो बाबा श्याम
तेरी प्यारी सुरतिया ने....
किस्मत का मारा हूँ, मेरी कोई नहीं सुनता
जब आँखें रोती है, बस तु ही तु दिखता
न जाने क्या रिश्ता है, तुमसे मेरा बाबा श्याम
तेरी प्यारी सुरतिया ने...
"राजा" कहे भक्तों, ये श्याम सब सुनता
जो इसकी करे पूजा ,उसपे ये महर करता
बस एक नज़र में दीवाना, कर देता मेरा श्याम
तेरी प्यारी सुरतिया ने....
लेखक एवं गायक : राजा अग्रवाल, कोलकाता 9433680097