मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से

तर्ज : - दीनानाथ मेरी बात छानी कोणी तेरे से

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

खाटू वाले श्याम , तेरे दर पे मैं आया हूँ ,
मन की सारी बाते , जुबां तक लाया हूँ !
भूल मत जाना बाबा , अपने इस भगत को ,
सारी दुनिया छोड़ी मेने , छोड़ा इस जगत को !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

भगत हूँ मैं तेरा श्याम , मुझको निभा लेना ,
भव सागर में फसी नय्या, पार लगा देना !
हारे का सहारा तू , किश्ती का किनारा हैं ,
जिसने भी पूजा , तूने उसको उबारा हैं !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

मुरली अधर पे , लब तेरे चूमे हैं ,
भक्त खड़े द्वार , तेरी भक्ति में झूमे हैं !
खाली हाथ कैसे बाबा , जाऊ तेरे दर से ,
आस लेके निकला बाबा , मैं तो अपने घर से !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

खाते हो तुम खीर चूरमा , लीले ऊपर घूमते हो ,
अपने भक्तो को बाबा , कभी नहीं भूलते हो !
भगतो की झोली बाबा, भर दो अपनी भक्ति से ,
संकट सारे दूर कर दो , बाबा अपनी शक्ति से !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

Lyrics- Jay Prakash Verma , Indore
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