फागण की ग्यारस ने दर्शन तो,
किस्मत वाला पावे है,
कोई श्याम निशान ले हाथां में,
कोई पेट पलणिया जावे है,
कदम - कदम पर बाबा थारी,
सारा बोले जय जयकार,
चालो चालो खाटू.....
रींगस से पैदल जावे है,
जद थारा ही गुण गावे है,
ढप ढोल नगाड़ा बाजे है,
सेवकिया नाचे गावे है,
केसर रंग गुलाल उड़ावे,
करे इत्तर की बौछार,
चालो चालो खाटू....
जद फागण मेलो आवे है,
म्हाने थारी याद सतावे है,
तू सुरेश राजस्थानी ने,
मेले में क्यूं ना बुलावे है,
मेले में बुलवाले बाबा,
थारो मानूंगा उपकार,
चालो चालो खाटू....