मेरी आखों में तुम ही तुम हो
माला के मोतियों में तुम ही तुम हो
तेरा उजाला आर पार है. जब से तुम हमे मिल गए
फूल कमल के खिल गये औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के
चौखट पे तेरी फ़रिश्ते सजदे करते रहते
तेरी यादों में मेरे आसूं बहते रहते
तेरे कदमों मेरी जिंदगी निशार है सच्चे सजना हो
जब से तुम हमे मिल गए फूल कमल के खिल गये औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के
औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के.......................
सतगुरु के क़दमों पे हमने चिराग जलाये
तेरा उजाला मेरी आँखों से छन छन आये
तू जगत का तारन हार है सच्चे सजना मेहरवा औ हो
जब से तुम हमे मिल गए फूल कमल के खिल गये,
औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के...................
दूर गगन में तेरी आरती होती है
बादलों के औढ़े रूह मेरी सोती है
मेरी आँखों में बसंत बहार है सच्चे सजना औ हो
जब से तुम हमे मिल गए फूल कमल के खिल गये
औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के........................
मेरी आखों में मितवा ख्याव बनके रहना -
दुःख भरी दुनिया में अपना कहते रहना
तू ही मेरा चैन करार है सच्चे सजना -
जब से तुम हमे मिल गए फूल कमल के खिल गये
औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के..................
फुलसंदे में मैंने देखा चाँद से गगन निकला है
स्वर्ग की गलियों से झोका हबा का निकला है
मेरी धरती पर तेरी झंकार है सच्चे सजना औ हो
जब से तुम हमे मिल गए फूल कमल के खिल गये
औ मेरे साथिया दिन आ गए बहार के............
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एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा