उठा लियो निशान हाथा में बाई फागण नेड़े आ गयो
फागण आ गयो खाटू जा सा महारे श्याम का लाड लडासा,
दिन कट जा सी बात में बाई फागण नेड़े आ गयो,
लगसाया श्याम धनि के अर्जी देदो निशान बना दे दरजी,
मैं सगळा खाटू जा सा जी बाई फागण नेड़े आ गयो,
ऐसी बनी श्याम से यारी उम्र बिता दू खाटू सारी सपना में आग्यो राता में,
बाई फागण नेड़े आ गयो,
यो अविनाश श्याम को चाकर,
शरद सोनू थारे भजन सुना कर,
सब कुछ थारे हाथा में बाबा फागण नेड़े आगेयो,
बाई फागण नेड़े आ गयो,