चाल दिखाऊ तने नजारा खाटू धाम का,
कलयुग में डंका बाजे बाबा शाम का
सब देवो में देव निराला बाबा खाटू वाला से,
भगतो की बंद किस्मत का पल में खोले ताला से,
बाबा की किरपा से जीवन कटे आराम का,
कलयुग में डंका बाजे बाबा शाम का
इनकी मोर छड़ी का झाड़ा ऐसा असर दिखावे से,
दूर करे कंगाली वो जीवन में मौज उड़ावे से,
मेरे पे रंग चढ़ रहा बाबा के नाम का,
कलयुग में डंका बाजे बाबा शाम का
भीम सेन ते चाल वनवाले क्यों इतना गबरावे से,
वो हॉवे किस्मत वाला जिस ने श्याम भुलावे से,
श्याम दर्श बिन जीवन प्यारे कुछ न काम का,
कलयुग में डंका बाजे बाबा शाम का