श्याम धणी सा ना कोई दातार है,
यकीन ना आये ढूंढ़लो संसार है,
हारे का सहारा शीश का है दानी,
दीनो के भरता सदा भंडार है,
श्याम धणी सा ना कोई.......
श्याम की चौकठ पे आ बिगड़ी बना देगा,
कैसी भी मुश्किल हो जड़ से ये मिटा देगा,
ऐसा ये बाबा मेरा लखदातार है,
यकीन ना आये ढूंढ़लो संसार है,
श्याम धणी सा ना कोई.......
बाबा अपने प्रेमी का विश्वाश न तोड़े,
उनकी डूबती नैया को मझधार न छोड़े,
इस जैसा ना देखा खेवन हार है,
यकीन ना आये ढूंढ़लो संसार है,
श्याम धणी सा ना कोई.......
हार कर जो ज़िंदगी से हो जाते परेशान,
गिरने ना देता अध्यारी रातो में रखता ध्यान,
भक्तो सुन लो जग ये पालन हार है,
यकीन ना आये ढूंढ़लो संसार है,
श्याम धणी सा ना कोई.......
रूबी रिधम को है भरोसा श्याम पे भारी,
बस इतनी चाहत गुण गाते बीते उम्र सारी,
सच्चा मेरे श्याम का दरबार है,
यकीन ना आये ढूंढ़लो संसार है,
श्याम धणी सा ना कोई.......