आई शिवरात्रि त्यौहार आ गई,
शिव के दर्शन की इक नजर चाहिए,
मैं हु बेघर मुझे इक घर चाहिए,
आज शिवलिंग पे वेलपत्र धतूर चढ़े,
अब तेरा सहारा जीवन भर चाहिए,
मैं हु बेघर मुझे इक घर चाहिए,
शिव के दरबार में खुशिया मिलती है आज,
इनके दर्शन से बनता है सब काम काज,
सोचता हु तेरे दर पे बैठा रहु रात दिन मैं तेरा खूब सेवा करू,
वस् तेरे चरणों का मुझको धूल चाहिए,
मैं हु बेघर मुझे इक घर चाहिए,
फागुन में खुशिया का सूंदर अवसर आया,
सब ने व्रत रख के भोले नाथ को पाया,
पूजा पाठ करे सब महादेव के,
आज के दिन सब जपे माला शिव नाम के,
रोग दोष दूर करते सब के है भोले नाथ
भोले सब का उधार कर दीजिये,
हम गरीबो का कष्ट दूर कर द्जिये
मैं हु बेघर मुझे इक घर चाहिए,