मेरा मन मस्ती में ढोले ये हर हर बम बम बोले,
दया की करदो नजर इक बार करो जी मेरा भव से बेडा पार,
रात और दिन तेरा अलख जगाउ रे भोले मैं तुझको मनाऊ,
अन्तर्यामी जगत के स्वामी तू ही बता मैं किस दर जाऊ,
दीजिये मेरे भाग सवार करो जी मेरा भव से बेडा पार,
झूठा जग है झूठी काया माया ने है मुझको भरमाया
दर दर जाकर ठोकर खाई क्या करू कुछ समज न आया,
हे भोले हे शम्भू करना न इंकार करो जी मेरा भव से बेडा पार,
ये अखियां खोलो भोले मेरे कब से खड़ा है दर पे तेरे,
हे डमरू धर हे शिवशंकर हम भी है चरणों के चेरे,
करू मैं विनती बारम्बार करो जी मेरा भव से बेडा पार,
मोह लोब में मदका मारा एहंकार ने डेरा डाला,
हर हर बम बम जो भी बोले तूने उसको पार निकाला,
गिरी का करदे अब उधार करो जी मेरा भव से बेडा पार,