आपका शुक्रिया आपका ये करम,
मुझे सबसे हसी सिलसिला मिल गया,
ना थी जो बात मेरी की पाउ तुझे,
मिल गए आप तो ये जहाँ मिल गया,
आपका शुक्रिया आपका ये करम.....
सारे संसार की ऊंची सरकार है,
हर घडी आपकी हम को दरकार है,
अब किसी की जरूरत नहीं है हमें,
जब हमें आप का आसरा मिल गया,
आपका शुक्रिया आपका ये करम,
डर नहीं है मुझे साथ सरकार है,
डाल दी मैंने कश्ती हो मझधार में,
काँप जायेगा तूफ़ाई ये देख कर,
मुझे सबसे बड़ा रहनुमा मिल गया,
आपका शुक्रिया आपका ये करम,
दूर दिल से सभी मेरी उल्जन मिली,
जबसे किरपा कन्हैया की होने लगी,
श्याम की जब निगाहे कर्म हो गई,
रसिक मंजिल का मुझको पता मिल गया,
आपका शुक्रिया आपका ये करम,