मुझे कर दे भव से पार श्याम मेरे खाटू वाले
श्याम मेरे खाटू वाले श्याम मेरे लीले वाले
मुझे कर दे भव से पार...........
तार दिया जी तूने तारणहारा शरण में तेरी आया था
एक ज़रा सी बात पे तूने शीश का दान चढ़ाया था
दुखियों के तारणहार श्याम मेरे खाटू वाले
मुझे कर दे भव से पार...........
एक तीर से वीर आपने अद्भुत खेल दिखाया था
पत्ता पत्ता नमन करे ये चमत्कार दिखलाया था
हारे के सहारे आप श्याम मेरे खाटू वाले
मुझे कर दे भव से पार...........
कौन युगों से ाँ पधारे खाटू नगरी बसाई है
दीं दुखी को पार लगाकर लीला अजब रचाई है
तेरे दर पे लगे कतार श्याम मेरे खाटू वाले
मुझे कर दे भव से पार...........
दया ज़रा सी कार्डो मुझ पर द्वार तुम्हारा खोलो जी
सब आते हैं मैं भी आया अब तो मुख से बोलो जी
अब छलिया तेरे द्वार श्याम मेरे खाटू वाले
मुझे कर दे भव से पार...........