बाहर आ जाओ बांके बिहारी,
होली होगी हमारी तुम्हारी ,
तेरी माथे पे चुनरी उड़ाऊंगी
गोटेदार तेह लहंगा पहनाऊंगी
तोह नर से बनादुंगी नारी
बाहर आ जाओ बांके बिहारी
तेरे गालो पे गुलाल लगाऊंगी
आगे पीछे का बदला चुकाऊंगी
तोहे भाग ना मदन मुरारी
बाहर आ जाओ बांके बिहारी
तेरे संग में तो खेलूंगी होली
आयी चल कर के महलों की होली
मैं हूं चरणों की दासी तिहारी
अब होली होगी हमारी तुम्हारी
बाहर आ जाओ बांके बिहारी
होली होगी हमारी तुम्हारी
Regards -Lalit Gera (SLG)