खुला रेहगा युगो युगो तक ये इनका दरबार,
चलती है और चलती रहेगी खाटू की सरकार
क्या नेता क्या अभिनेता निर्धन क्या धन वाले,
जो भी आता इस के दर पे सब को श्याम समबाले
सब को इक बराबर मिलता श्याम धनि का प्यार
चलती है और चलती रहेगी खाटू की सरकार
ये वो अदालत जिस के फैंसले गलत कभी न होते,
हस्ते हस्ते जाते याहा से जो आते है रोते,
जो मांगो मिलता है याहा पे होती न इंकार,
चलती है और चलती रहेगी खाटू की सरकार
पावन माटी खाटू की है गलियों में तुम धूमो
तेरहा पैड़ी चढ़ के चौखठ श्याम धनि की चूमो,
इसकी मोर छड़ी के आगे टूटी हर तलवार,
चलती है और चलती रहेगी खाटू की सरकार
दीं दुखी का है वो सहारा बैठा खोला खजाने,
कलयुग का राजा है कोई माने या न माने,
कहता है सारी दुनिया में नरसी ये ललकार
चलती है और चलती रहेगी खाटू की सरकार