ढुँढू मैं तुझको क्यूँ भला सांवरा,जर्रे जर्रे में तू बसा ,
पल-पल का साथी तू मेरा सांवरा , मेरी ख़ुशी तू बन गया ,
जानू ना कब हुआ,क्यूँ हुआ,कैसे हो गया,
कह दूं जग से जरा,मैं तेरा,बस तेरा मैं हुआ...
मेरी साँसों की माला जपती जो नाम है,
मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम है |
हारा मैं हारा,तू है हारे का सहारा,
मतलब की दुनिया में श्याम हमारा,
जब भी दिल रोया मेरा,तुझको पुकारा ,
लीले पे चढ़कर आया तू खाटूवाला,
हांथो को थाम के साथ मेरे तू तो चल पड़ा ,
मेरे एहसास मेरे पास में तू रहता है खड़ा ,
तेरे चरणों में सारे तीरथ और धाम है |
मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम है |
मेरी साँसों की माला जपती जो नाम है,
मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम है |
खायी है हमने बाबा दर-दर की ठोकर,
किस्मत चमक गयी तेरे चरणों को छूकर ,
सारा जीवन रहेंगे हम तेरे होकर,
तेरे खाटू के बाबा बनकर के नौकर ,
सौरभ-मधुकर कभी ,दर कभी छोडूंगा नहीं ,
वादा ये है मेरा,सांवरा,तोडूंगा नहीं ....
तेरे रहते इस जग से मुझको क्या काम है ,
मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम है |
मेरी साँसों की माला जपती जो नाम है,
मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम है |
ढुँढू मैं तुझको क्यूँ भला सांवरा,जर्रे जर्रे में तू बसा ,
पल-पल का साथी तू मेरा सांवरा , मेरी ख़ुशी तू बन गया ,
जानू ना कब हुआ,क्यूँ हुआ,कैसे हो गया,
कह दूं जग से जरा,मैं तेरा,बस तेरा मैं हुआ...
मेरी साँसों की माला जपती जो नाम है,
मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम है |
भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयिता एवं संगीत रचना, निदेशक - मधुकर मिश्र