बैठा है मंदिर मैं देखो, श्याम लगाकर के ताला,
जाओ कोई पूछ के आओ, कैसा है खाटुवाला….
कब खोलेगा द्वार वो फिर से, कोई खबर ये ले आओ,
या फिर खाटूवाले को, अपने घर पर ही ले आओ,
पाव पकड़ लेना कस के जो, आने से उसने टाला,
जाओ कोई पूछ के आओ कैसा है खाटुवाला…….
भगतो के बिन श्यामधनी का, दिल कैसे लगता होगा,
कब कोई प्रेमी बुलाले, रातो को जगता होगा,
क्या अपनी भी देख रेख, रखता है अपना रखवाला,
जाओ कोई पूछ के आओ, कैसा हैं खाटुवाला……
हम प्रेमी मजबूर हुए हैं, वक़्त का ऐसा झोंका है,
लिले चढ़कर आ जाएगा, श्याम को किसने रोका हैं,
सचिन जपे हैं नाम की माला, होके जग ये मतवाला,
जाओ कोई पूछ के आओ, कैसा है खाटुवाला……