होली खेले नंदलाला ब्रिज में,
पिचकारी लेके दौड़े कन्हाई,
रंग ने को ब्रिज बाला,
होली खेले नंदलाला ब्रिज में,
सब को ही रंग लगाए ये गोरे गोरे श्यामा कन्हियान,
कान्हा के सन्मुख आये जो भी आये बचके नहीं फिर जाए,
छोड़े नहीं उसको कन्हियाँ,
माने न बड़ा मतवाला होली खेले नन्द लाला ब्रिज में होली खेले नन्द लाला,
जो भी देखे छलिया को भागे वो ही घर में गुजरियाँ,
घर में ही जाकर पकड़े काल्हियाँ,
बाहो में भर कर दिल रंग डारे चोरी चुनरियाँ,
कोई न रोकने वाला ब्रिज में होली खेले नन्द लाला,