मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में,
तुम तो रहती हो ऊँचे पहाड़ों में...
जब तेरा बुलावा आता है,
मन पंछी बन उड़ जाता है,
जाने कैसा जादू भरा, इन पहाड़ों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में.....
यह तो कटरा है, हम यहाँ आये हैं,
अर्जी हमने माँ को लगा दी है,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
बाण गंगा की यह जो धारा है,
कितने भगतों को इसने तारा है,
कैसा जादू भरा इसकी धारों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
हाथी मत्था है, हम यहाँ आये हैं,
हमने जैकारा माँ का लगाना है,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
तेरे द्वारे पे जो भी आता है,
झोली भर्ती है और मुस्कुराता है,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में.....
तेरे द्वारे पे हम भी आएं हैं,
तेरा दर्शन मिले इन पहाड़ों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
ज़र्रे ज़र्रे में चाँद तारे हैं,
तेरी ज्योति में लिश्कारे हैं,
तेरा नूर नूरानी सितारों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
तेरी चुनरी है माँ, बड़ी प्यारी है माँ,
ऐसी चुनरी न देखी हज़ारों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
तेरा भवन है माँ, बड़ा प्यारा है माँ,
दुनिया का एक नज़ारा है माँ,
ऐसा भवन न देखा हज़ारों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
तेरी बिंदिया है माँ, बड़ी प्यारी है माँ,
बड़ी प्यारी है माँ, बड़ी न्यारी है माँ,
ऐसी बिंदिया ना देखी हज़ारों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
तेरे भगत हैं माँ, पड़े प्यारे हैं माँ,
ऐसे भगत न देखा हज़ारों में,
मैया दिल मेरा खो गया इन पहाड़ों में....
कौन दुनिआ में माँ का सांई है,
इस हकीकत की क्या कहानी है,
नूर तेरा है चाँद सितारों में,
मैया दिल मेरा खो गया तेरे पहाड़ों में...
बनके फरयादी जो भी आता है,
भाग खुलते हैं मुस्कुराता है,
बटती है मुरादे हज़ारों में,
मैया दिल मेरा खो गया तेरे पहाड़ों में....