तेरी चौखट पे आ बैठा,
मैया बिगड़ी बना देना,
जमाने ने है ठुकराया कर्म मुझपे कमा देना,
बहारे रूठी है मुझसे फिजा ने आके घेरा है,
तू जाने दूर है मुझसे अँधेरा ही अधेरा है,
मेरी वीरान रातो को जरा रोशन बना देना,
तेरी चौखट पे आ बैठा
छुपा सूरज उमीदो का अँधेरे गम के छाए है,
तेरे अरमान मेरे सपने ये अश्को में समाये है
गई मुस्कान होठो की,मुझे फिर से हसा देना ,
तेरी चौखट पे आ बैठा
मेरी राहो में दुनिया ने बड़े कांटे बिछाए है,
सितम उस पे है ये केवल बने है अपने पराये है,
भवर में आ गई कश्ती किनारे पे लगा देना,
तेरी चौखट पे आ बैठा