आओ भगतो तुम्हे बताये कौन है शीश का दानी,.
खाटू वाले श्याम की सुन लो अमर कहानी,
महाभारत के काल का किसा सारा है,
पांडव कुल में जन्मा श्याम हमारा है,
ये एहलवती का लाला है बड़े नाज से इसको पाला है,
बर्बरीक है नाम इनका है बड़े बलशाली,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
माता इनकी धर्म का पाठ पढ़ाती है,
दीनो पर दया करना सिखलाती है,
नारद को गुरु बताया है भोले का नाम सिखाया है,
भोले का जप करके हो गया तीन वान धारी,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
महाभारत के युद की हुई तयारी है,
युद में मैं भी जाऊ बात विचारी है,
माता की आज्ञा का कर के चरणों में शीश जुका कर के,
हारे का तुम साथ निभाओ लीले के असवारी,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
इक ब्रामण ने उसने रस्ता रोक लिया,
तीन बाण से क्या कर लोगे टोक दिया,
तुम कितनी शक्ति रखते हो इक बाण पे क्या सकते हो,
इक बाण से बींद ढाली पेड़ की पत्ती सारी.
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
तभी श्याम ने अपना रूप दिखाया उस बालक को सच्चा वीर बताया है,
तुम अपने शीश का दान करो रन भूमि का सामान करो,
इक पल की भी करि न देरी गर्दन दी उतारी,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
ऊंचे कल पर श्याम का शीश बिठया है,
युद देख कर युद का हाल सुनाया है,
मोहन का चलता चक्र था,
और काल के हाथ में खपर था,
श्याम नाम से पूजे गी तुमको ये दुनिया सारी,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
खाटू धाम जगत में बड़ा ही प्यारा है,
लाखो भगतो को मेरे श्याम ने तारा है,
जो कथा को सुनते गाते है उन्हें श्याम प्रभु मिल जाते है,
गोपाल प्रजा पति लिखकर लाया सुन लो श्याम कहानी
जय श्री श्याम जय श्री श्याम