मेरी राधा रानी की हर बात निराली है
आ जी अपनी तो सरकार बरसाने वाले है
करुणामई श्यामा के बरसाने जो आते है,
बिन मांगने ये भर देती झोली ये खाली है
दुनिया से क्या मांगे दे कर के जताती है,
बहार से उजली है अंदर से काली है,
इस झूठे जमाने की हम को परवाह नहीं,
अपने जीवन की डोर श्री जी ने समबाली है
भरमा शिव शंकादिक इनको ही ध्यान करे,
ये सर्व मोहन का भी मन मोहने वाली है,