मेरा तो इक सपना है मैं बस जाऊ खाटू में,
श्याम के चरणों में ये जीवन कटु मैं
जहा चले हकूमत श्याम की वो दरबार मिले,
मुझे हर पल हर शान संवारिये का प्यार मिले
दिल बे चैन है श्याम बिन
मेरा तो इक सपना है मैं बस जाऊ खाटू में,
जीयु गा जब तक करूँगा तेरी चाकरी,
निकले चोखट पर ही सांसे आखिरी,
दिन कट ते नही श्याम बिन,
मेरा तो इक सपना है मैं बस जाऊ खाटू में,
मेरा हाल सुदामा सा न कुछ कह पाऊ मैं,
छोड़ के बाबा का दर किधर को जाऊ मैं,
मैं भटकू सदा श्याम बिन,
मेरा तो इक सपना है मैं बस जाऊ खाटू में,