तू इतनी दूर क्यों है माँ बता नाराज क्यों है माँ,
मैं तेरा हु बुलाले तू गले फिर से लगा ले तू,
ओ माँ प्यारी माँ
तेरे अंचल की छाया को मेरी नींदे तरसती है,
तेरी यादो के आँगन में मेरी आँखे बरसती है,
परेशान हो रहा हु मैं अकेला रो रहा हु मैं,
मैं तेरा हु बुलाले तू गले फिर से लगा ले तू,
ओ माँ प्यारी माँ
सुना है मैंने माँ का दिल नहीं होता पत्थर का,
भुलाता है तुझे आजा अकेला कण मेरे घर का,
दीवारे गिरादे अब झलक अपनी दिखादे अब,
मैं तेरा हु बुलाले तू गले फिर से लगा ले तू,
ओ माँ प्यारी माँ
तेरे चरणों में मंदिर है तू हर मंदिर की मूरत है,
हर इक भगवान की सूरत मेरी माँ तेरी सूरत है,
मेरी पूजा तेरा दर्शन तेरी सेवा मेरा जीवन,
मैं तेरा हु बुलाले तू गले फिर से लगा ले तू,
ओ माँ प्यारी माँ