जब तक चुनरी जाचे न जाचे न ये दरबार,
मैया थारी चुनरी जचावा सो सो बार,
जब तक चुनरी जाचे न जाचे न ये दरबार,
जद पूजा को थाल सजावा,
पहला थारी चुनरी रखावा,
जद जा कर थाल थारो माँ हॉवे त्यार,
मैया थारी चुनरी जचावा सो सो बार,
चुनरी का अला पला बाहरी,
सांचो घोटो साँच किनारी,
चारो मेर चुनरी माहि साँचा तेरा दरबार,
मैया थारी चुनरी जचावा सो सो बार,
चाहे माहरी आंख में जाचे न,
चाहे महारे दिमाग में जाचे माँ,
जब तक मन्दे में जचे न हे मत करियो इंकार,
मैया थारी चुनरी जचावा सो सो बार,
बनवारी जद थाने चुनरी उडावा.
चुनरी को पलो हाथ में थमामा,
एहने खोलनों है मियां याद तू आवा बारम बार,
मैया थारी चुनरी जचावा सो सो बार,