माँ तू ही है चंडी माँ तू ही जवाला है,
तू जगत खिलावन भी तू ही प्रतिपाला है,
भव पार करो उसको जो जपता माला है,
माँ तू ही है चंडी माँ तू ही जवाला है,
जो श्रद्धा भावना से आ जाए दर तेरे ,
तू बन के सहाई माँ सब काटे अंधेरे
अन धन कर के माँ तूने समबाला है,
माँ तू ही है चंडी माँ तू ही जवाला है,
जो देखे तुझे दाती जैसे भी मन से माँ,
तू उसपे करे किरपा वैसे ही ढंड से माँ,
बरसो से सुने पड़े माँ किया उजाला है,
माँ तू ही है चंडी माँ तू ही जवाला है,
तेरी दया का अंत नहीं तू सब से निराली है,
तू हींग राज में माँ तू खप्पर वाली है,
वर्मा को क्यों भूले तेरी लाया दुशाला है,
माँ तू ही है चंडी माँ तू ही जवाला है,